धर्मशाला। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने अपना पहला तिब्बती आईटी पेशेवर सम्मेलन आज ०९ जनवरी से यहां धर्मशाला के प्रशासनिक प्रशिक्षण और कल्याण सोसायटी केंद्र में आयोजित किया है। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) के सिक्योंग पेन्पा छेरिंग ने दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन की अध्यक्षता की, जिसमें कालोन नोरज़िन डोल्मा, सचिव कर्मा चोयिंग, तिब्बती कंप्यूटर संसाधन केंद्र (टीसीआरसी) के निदेशक तेनज़िन सुल्त्रिम और मोनलम के गेशे लोबसांग मोनलम भी शामिल रहे।
वित्त विभाग के टीसीआरसी और सामाजिक और संसाधन विकास कोष (एसएआरडी) के साथ संयुक्त रूप से आयोजित इस सम्मेलन में पूरे भारत के ५० से अधिक तिब्बती आईटी पेशेवर भाग ले रहे हैं। दो दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य डिजिटलीकरण के प्रयासों के लिए भविष्य की रणनीति बनाना और तिब्बती समुदाय के भीतर तकनीकी विशेषज्ञता को मजबूत करना है। ताकि सीमित उपलब्ध संसाधनों का कुशलतापूर्वक उपयोग करने के लिए तिब्बती आईटी पेशेवरों का एक नेटवर्क विकसित किया जा सके। इससे सीटीए की डिजिटल परिवर्तन दृष्टि को प्राप्त किया जा सकेगा।सिक्योंग पेन्पा छेरिंग ने अपने उद्घाटन भाषण मेंतिब्बती समुदाय के भीतर व्यापक सहयोग के लिए समुदाय से मौजूदा प्रतिभा और संसाधनों का उपयोग करने के बारे में अपने विचार को रखा। उनके विचार में यह व्यापक सहयोग निर्वासन में सफलतापूर्वक बनाए रखने से लेकर चीन-तिब्बत संघर्ष का समाधान तक कायम रहना चाहिए। आधुनिक प्रौद्योगिकी के तेजी से विकास के दौर में बिखरे हुए तिब्बती समुदाय के समक्ष उपस्थित चुनौतियों पर टिप्पणी करते हुएसिक्योंग ने अवसरों का लाभ उठाने और सामने की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता पर जोर दिया।
मौजूदा सीटीए नेतृत्व विभिन्न सहयोगी भागीदारों साथ बहु-आयामी मोर्चे पर काम कर रहा है, जिनमें डिजिटल फ़्यूचर्स उसके मुख्य दृष्टिकोणों में से एक है। सीटीए ने डिजिटल तिब्बत के भविष्य की जानकारी देने के लिए दिसंबर- २०२२ की शुरुआत में पहली डिजिटल रणनीति बैठक का आयोजन किया था। इस दो दिवसीय बैठक में डिजिटलीकरण के प्रयासों को लेकर भविष्य की रणनीति बनाने के लिए सीटीए के भागीदारों और विभिन्न आईटी विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया था। दो दिवसीय रणनीति बैठक के बाद सीटीए के डिजिटल कार्यबल समूह के लिए एक गहन दो दिवसीय कार्यशाला भी आयोजित की थी,जिसे एस्टोनिया की ई-गवर्नेंस अकादमी (ईजीए) द्वारा सभी सुविधाएं प्रदान की गई थीं। दो दिवसीय रणनीतिक बैठक में कुछ अस्थायी परिणामों की अपेक्षा की गई थी। इनमें सीटीए के लिए समुचित आईटी नीति विकसित करने, साइबर सुरक्षा को मजबूत करने और सिस्टम और प्रक्रियाओं का डिजिटलीकरण शुरू करना प्रमुख था। अन्य निर्णय में टीसीआरसी, सीटीए के आईटीअनुभागके सभी पहलुओं की क्षमता का निर्माण करने और सीटीए की आंतरिक और बाहरी दोनों सेवाओं और आईटी से संबंधित गतिविधियों को डिजिटाइज़ करना शामिल था।
कालोन नोर्जिन डोल्मा ने भारत में तिब्बती आईटी पेशेवरों की वर्तमान स्थिति को समझने के लिए कशाग के प्रयासों पर फिर से जोर दिया ताकि आईटी पेशेवरों का एक वृहत्तर नेटवर्क तैयार किया जा सके और तिब्बती समुदाय की सेवा के लिए संभावित सहयोग पर विचार-विमर्श किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन का आयोजन करके केंद्रीय तिब्बती प्रशासन भारत में आईटी क्षेत्र में अपनी युवा क्षमता को समझने की कोशिश कर रहा है। कलोन ने कहा कि सीटीए भारत में आईटी पेशेवरों की बड़ी संख्या से वाकिफ है। हालांकि,उनके बीच पेशेवराना संपर्क की कमी प्रमुख चिंता का विषय है। सीटीए प्रशासन सुरक्षित और लचीला आईटी बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने और भविष्य के सहयोग को बढ़ाने के अलावा इस कमी को भी हल करना चाहता है। सचिव कर्मा चोयिंग ने आईटी सम्मेलन में आए प्रतिभागियों के स्वागत में भाषण दिया। दो दिवसीय सम्मेलन को यूएसएआईडी ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक संस्थान (एनडीआई) के माध्यम से प्रायोजित किया है।