चीन के सीमावर्ति क्षेत्रों से तिब्बती शरणार्थियों को पकडने के लिए चीन अप्रत्यक्ष रुप से नेपाल पुलिस को धन देता है। इस वजह से 2008 से भारत आने वाले तिब्बती शरणार्थियों की संख्या में कमी आई है। यह खुलासा विकीलीक्स की ओर से लीक किए गए अमेरिकी दूतावास के संदेश में हुआ है। नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के संदेश में हुआ है। नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास के एक अनाम अधिकारी की ओर से इसी वर्ष 22 फरवरी को भेजा गया संदेश दो व्यक्तियों के बीच बातचीत पर आधारित है। इन दोनों के नामों का खुलासा नही किया गया है। अपडेट ऑन तिब्बतियन रिफ्यूजी फ्लों वाले गोपनीय संदेश में कहा गया है कि हर वर्ष तिब्बत से औसतन 2500 से 3500 शरणार्थी धर्मशाला पहुंचते है। इनमें से आधे तिब्बती दलाई लामा के दर्शन करने के बाद तिब्बत लौट जाते है। आधे यहीं पर रुक कर उच्च शिक्षा और तिब्बती बौद्ध दर्शन की शिक्षा ग्रहण करते है।
चीन देता है धन। संदेश के अनुसार चीन सरकार नेपाल के आधिकारियों व पुलिस वालों को वित्तीय लाभ मुहैया करवाती है। इस पर वे तिब्बतियों को पकडकर उनके हवाले करते है।