ताइपे। ताइवान के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पिछले बुधवार यानि १९ जुलाई २०२३ को आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में ‘आईसीईआरडी की पहली राष्ट्रीय रिपोर्ट पर स्वतंत्र मूल्यांकन’ रिपोर्ट जारी की।
केंद्रीय जांच आयोग के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, इज़राइल, फिलीपींस के प्रतिनिधि और ताइवान स्थित तिब्बत कार्यालय के प्रतिनिधि केलसांग ग्यालत्सेन बावा ने भाग लिया।
ताइवान के केंद्रीय जांच आयोग की अध्यक्ष सह राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की अध्यक्ष चेन जू ने अपने संबोधन में कहा कि मानवाधिकार की लड़ाई स्थायी है।
उन्होंने कहा कि ताइवान सरकार ने पहली बार रिपोर्ट जारी की है जिसकी स्वतंत्र अधिकारियों द्वारा जांच किए जाने की उम्मीद है। अपरिभाषित कानूनों या कानूनों की प्रयोजनहीनता के कारण नस्लीय भेदभाव अब अनियंत्रित हो गया है। अब, जब यह सभी के ध्यान में आ गया है तो उम्मीद है कि इससे नस्लीय भेदभाव को ख़त्म करने में मदद मिलेगी।‘
३१ मार्च १९६६ से ताइवान सभी प्रकार के नस्लीय भेदभाव के उन्मूलन पर अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन (आईसीईआरडी) का हस्ताक्षरकर्ता था। हालांकि, बाद में इसे आईसीईआरडी से निष्कासित कर दिया गया और वर्तमान में यह इसका सदस्य नहीं है। इसके बावजूद इसने अपने दायित्वों को पूरा करना जारी रखा और १४ दिसंबर २०२२ को अपनी पहली रिपोर्ट प्रकाशित की। इस रिपोर्ट की निगरानी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के तीन सदस्यों ने की। इसने मानव अधिकार के मुद्दों जैसे कि राज्यविहीन व्यक्तियों, प्रवासी श्रमिकों और निवास और देशीकरण चाहने वालों पर प्रकाश डाला। नस्लीय भेदभाव के मुद्दों में तिब्बतियों का वीज़ा मुद्दा भी शामिल था।