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धर्मशाला। आज से ठीक 26 साल पहले 17 मई को एक छह वर्षीय लड़का अनजाने में लोगों की नज़रों से ओझल हो गया। इस लड़के को परम पावन 14वें दलाई लामा द्वारा आधिकारिक तौर पर तिब्बत के 11वें पंचेन लामा के रूप में मान्यता दी गई थी। यह मान्यता मिलने के तीन दिन बाद ही चीनी अधिकारियों द्वारा उनका अपहरण कर लिया गया। इसके बाद गेधुन चोएक्यी न्यिमा नामक इस लड़के के ठिकाने का पता नहीं लगाया जा सका है, जो दलाई लामाओं की वंशावली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हैं। उन्हें और उनके परिवार को रिहा करने के लिए दुनिया भर से चीन से बार-बार अपील की गई और उस पर दबाव डाला गया लेकिन फिर भी उनके बारे में जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया गया। हालांकि, चीनी सरकार ने बार-बार कहा है कि गेधुन चोएक्यी न्यिमा ‘बहुत अच्छा जीवन’ जी रहे हैं और अच्छा कर रहे हैं, लेकिन इन वर्षों में अपने दावे को सत्यापित करने के लिए उसने एक भी सबूत पेश नहीं किए हैं।
गेधुन चोएक्यी न्यिमा के गायब होने के इन वर्षों में दुनिया भर के तिब्बतियों, बौद्धों और तिब्बत समर्थकों ने इस उम्मीद में उनकी अनुपस्थिति में उनका जन्मदिन मनाया कि वह और उनका परिवार स्वस्थ और सकुशल हैं और एक दिन, दुनिया उन्हें मुक्त देखेगी और तिब्बती लोग व्यक्तिगत रूप से उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकेंगे।
पंचेन लामा और उनके परिवार की तत्काल रिहाई की अपील अभी भी की जा रही है और हर बार अधिकार समूह, सरकारी अधिकारियों, संसद सदस्यों और अंतरराष्ट्रीय अधिकार संगठनों द्वारा दुनिया भर में अधिक जोरदार और तेज ढंग से यह मांग उठाई जा रही है। उन्होंने गेधुन चोएक्यी न्यिमा और उनके परिवार की कुशलता के लिए लगातार चिंता व्यक्त की है और चीन से उन्हें और अन्य कैदियों को रिहा करने का आग्रह किया है।
टॉम लैंटोस मानवाधिकार आयोग ने सोमवार को चीनी सरकार से ‘पंचेन लामा और उनके परिवार को बिना किसी शर्त के रिहा करने’ का आह्वान किया।
गेधुन चोएक्यी न्यिमा के जबरन गायब होने की 26वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ)’ ने चीनी सरकार से 11वें पंचेन लामा के ठिकाने का खुलासा करने का आह्वान किया।
यूएससीआईआरएफ की आयुक्त नादिन मेंज़ा ने एक स्वतंत्र विशेषज्ञ को गेधुन चोएक्यी न्यिमा के स्वास्थ्य की जांच करने की अनुमति देने पर जोर दिया।
यूएससीआईआरएफ ने मेंजा के बयान को ट्वीट करते हुए लिखा, ‘दलाईलामा ने 14 मई, 1995 को गेधुन चोएक्यी न्यिमा को 11वें पंचेन लामा के रूप में मान्यता दी। हम चीनी सरकार से गेधुन के ठिकाने के बारे में जानकारी देने और एक स्वतंत्र विशेषज्ञ को उनकी कुशलता की पुष्टि करने के लिए उनसे मिलने की अनुमति देने की अपनी मांग को दोहराते हैं।’
पिछले महीने गेधुन चोएक्यी न्यिमा के 32वें जन्मदिन के अवसर पर यूएससीआईआरएफ ने उनको रिहा करने के लिए चीनी सरकार से अपना आह्वान दोहराया था।
यूएससीआईआरएफ की उपाध्यक्ष नादिन मेंज़ा ने कहा, ‘चीनी सरकार तिब्बती बौद्ध धर्म को दबाने के लिए इतनी बेताब है कि उसने छह साल के लड़के का अपहरण कर लिया।’ उन्होंने आगे कहा, ‘दुर्भाग्य से, गेधुन की दुखद दुर्दशा लाखों चीनी अनुयायियों के संघर्ष का प्रतिनिधित्व करती है, जो अपने विश्वास की साधना करने में अभूतपूर्व कार्रवाई का सामना कर रहे हैं।’
इसी तरह, तिब्बत के 11वें पंचेन लामा की कुशलता के लिए चिंता व्यक्त करते हुए ऑस्ट्रेलियाई सांसद जेनेट राइस ने गेधुन चोएक्यी न्यिमा के ठिकाने को सत्यापित करने के लिए स्वतंत्र पर्यवेक्षकों की उन तक पहुंच सुनिश्चित करने की मांग की।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘चीनी सरकार को तिब्बती भिक्षुओं और लामाओं द्वारा पंचेन लामा के रूप में पहचाने जाने वाले बच्चे को हिरासत में लिए हुए 26 साल हो चुके हैं। चीनी सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि वह इस समय किस स्थिति में और कहां हैं? साथ ही स्वतंत्र पर्यवेक्षकों को उन तक पूर्ण पहुंच प्रदान करनी चाहिए।’
तिब्बत मुद्दे के प्रबल समर्थक फ्रेडी लिम ने हैशटैग फ्री पंचेन लामा का उपयोग करते हुए गेधुन चोएक्यी न्यिमा की तत्काल रिहाई की अपील की।
उन्होंने कल फिर फ्री पंचेन लामा हैशटैग से ट्वीट किया ‘महामारी से लड़ने के साथ ही हम अभी भी मानवाधिकारों के लिए भी लड़ रहे हैं। 26 साल पहले, सीसीपी द्वारा पंचेन लामा को हिरासत में लिया गया था, तब वह सिर्फ 6 साल के थे। चीन अभी भी उसे रिहा करने से इनकार करता है, या उनके और उनके परिवार के बारे में किसी भी वास्तविक जानकारी का खुलासा नहीं करता है।’
तिब्बत के 11वें पंचेन लामा की तत्काल रिहाई के आह्वान में शामिल होते हुए, सांसद आरिफ विरानी ने 11वें पंचेन लामा की बिना शर्त रिहाई के अभियान में निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया।
उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट किया, ‘2018 में ओटावा में विदेश मामलों और अंतरराष्ट्रीय विकास पर स्थायी समिति के सामने पेश हुए तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के तिब्बती प्रतिनिधिमंडल से सीधे पंचेन लामा के ठिकाने के बारे में पूछने का अवसर मिला था। प्रतिनिधिमंडल ने बताया था कि वह ठीक हैं और परेशान नहीं होना चाहते। मैं पंचेन लामा की वकालत करना जारी रखूंगा और उम्मीद करता हूं कि एक दिन हम उन्हें व्यक्तिगत रूप से अपने लोगों के बीच देखेंगे।’ इसी तरह, कनाडा हाउस ऑफ कॉमन्स के सांसद कैथे वागंटाल ने इस अवसर पर अपना बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि चीनी सरकार द्वारा गेधुन चोएक्यी न्यिमा का अपहरण मुख्य रूप से ‘धार्मिक विश्वास और अभिव्यक्ति को दबाने’ के लिए किया गया है।
सांसद वागंटाल ने फेसबुक पर लिखा, ‘मैं पंचेन लामा की तत्काल और बिना शर्त रिहाई के लिए अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) के आह्वान में शामिल होता हूं। इसी तरह गेधुन के अपहरण की 26वीं वर्षगांठ पर कनाडा को भी अपील जारी करना चाहिए।’
ऑस्ट्रेलियाई सांसद सुसान टेम्पलमैन ने अपने फेसबुक पर पोस्ट किया कि पंचेन लामा की रिहाई के लिए अभियान का हिस्सा बनने के लिए उन्हें सम्मानित किया गया था और आगे उन्होंने ‘संसद की अगली बैठक के दौरान ऑस्ट्रेलिया में दलाई लामा के कार्यालय के नए प्रतिनिधि श्री कर्मा सिंगे से मिलने की इच्छा व्यक्त की।’