तिब्बतनरिव्यू.नेट, 10 मई 2019
चीन ने 11वें पंचेन लामा गेंदन छोकयी नीमा की रिहाई के लिए सार्वजनिक आह्वान करने के लिए एक तिब्बती युवा को 8 मई को साढ़े चार साल की जेल की सजा सुनाई गई। इसके साथ ही इस युवा की कार्रवाई के बारे में सूचना को सार्वजनिक करने के आरोप में उसकी चाची को एक साल तीन महीने की सजा सुनाई गई। पंचेन लामा परमपावन दलाई लामा द्वारा 1995 में मान्यता प्राप्त तिब्बत के दूसरा सबसे प्रमुख धर्माचार्य हैं।
अपनी मांग के समर्थन में नारे लगाने के लिए 20 वर्षीय युवक वांगचेन को 29 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें सिचुआन प्रांत के कर्डेज़ (गंजी) प्रीफेक्चर के सेर्शुल (चीनी: शिक) काउंटी पीपुल्स कोर्ट द्वारा ‘भूमि कानून के खिलाफ सार्वजनिक रूप से विरोध की अगुवाई करने के आरोप में दोषी ठहराया गया। यह जानकारी तिब्बती सेवा rfa.org ने भारत में रहने वाले एक तिब्बती के चीन में स्थानीय संपर्कों के हवाले से दी है।
रिपोर्ट में एक स्थानीय स्रोत का हवाला देते हुए नाम न छापने की शर्त पर कहा गया है कि इसी तरह आचा डोलकर को अपने भतीजे वांगचेन के विरोध के समाचार को इस क्षेत्र के बाहर संपर्कों से साझा करने के आरोप में जेल में डाल दिया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वांगचेन के साथ गिरफ्तार किए गए दो अन्य तिब्बतियों-लोबसांग और योंतेन पर 15,000 युआन (यूएस $ 2,211) का जुर्माना लगाया गया और छह महीने के लिए ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों’ पर राजनीतिक शिक्षा वर्ग में पुन भाग लेने का आदेश दिया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अशिक्षित और घुड़दौड़ के स्टार वांगचेन को जब 7 मई को अदालत में ले जाया गया तो वह बहुत ही अस्थिर रूप से चल रहा था। रिपोर्ट में कहा गया है कि उसे पुलिस द्वारा हिरासत में यातना दी गई थी। रिपोर्ट में सूत्र के हवाले से कहा गया है कि किसी को भी चोटों के निशान देखने के लिए उसके करीब जाने की अनुमति नहीं थी।
वांगचेन और उनकी चाची दोनों की सजा सुनाए जाने के बाद कहां ले जाया गया, इसका पता नहीं है।
11वें पंचेन लामा गेंदन छोकयी नीमा तब से गायब हैं जब चीनी सरकार ने उन्हें 1995 में 6 साल की उम्र में ही परिवार समेत उठा लिया था। चीन ने तब एक और बच्चे ग्यालत्सेन नोरबू को अपना 11वां पंचेन लामा नियुक्त किया।