बीजिंग ने बैठक को चीन के आंतरिक मामलों में ‘हस्तक्षेप‘ बताया, दलाई लामा का कहना है कि चीन ने उन्हें बातचीत के लिए संदेश भेजे हैं।
– द हिंदू
चीन ने सोमवार १० जुलाई को दलाई लामा और ‘केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए)‘ के अधिकारियों के साथ अमेरिकी अधिकारी उज़रा ज़ेया की दिल्ली में हुई बैठक का विरोध किया और इसे चीन के आंतरिक मामलों में ‘हस्तक्षेप‘ करने का प्रयास बताया। सुश्री ज़ेया के साथ बैठक से पहले दलाई लामा ने कहा कि तिब्बती ‘स्वतंत्रता‘ नहीं चाहते हैं और वह चीनी सरकार के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं। दलाई लामा शनिवार ०८ जुलाई को दिल्ली पहुंचे। उन्होंने कहा कि चीन ने उनके पास फीलर या विचारक भेजे हैं।
नागरिक सुरक्षा, लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए अमेरिकी अवर सचिव और तिब्बती मुद्दों के लिए अमेरिकी विशेष समन्वयक सुश्री उज़रा ज़ेया ने एक सप्ताह के हिस्से के रूप में रविवार शाम को तिब्बती नेता और धर्मशाला स्थित सीटीए के अधिकारियों से मुलाकात की। उनका आगे भारत और बांग्लादेश की लंबी यात्रा और दोनों राजधानियों में सरकारी अधिकारियों और नागरिक समाज के कार्यकर्ताओं से मिलने का कार्यक्रम है। पिछले सप्ताह सुश्री ज़ेया ने दलाई लामा के ८८वें जन्मदिन के अवसर पर ‘वाशिंगटन स्थित तिब्बत कार्यालय‘ द्वारा आयोजित जन्मदिन समारोह में भी भाग लिया था।
भारत में चीनी दूतावास की प्रवक्ता ने तिब्बत के लिए तैनात चीनी सरकार के आधिकारी के नाम का जिक्र करते हुए एक बयान में कहा, ‘ज़िज़ांग (तिब्बत) मामले पूरी तरह से चीन के आंतरिक मामले हैं और किसी भी बाहरी ताकतों को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। चीन विदेशी अधिकारियों और ‘तिब्बती स्वतंत्रता‘ बलों के बीच किसी भी प्रकार के संपर्क का दृढ़ता से विरोध करता।
चीन ने इसी तरह मई २०२२ में दलाई लामा से मिलने के लिए सुश्री ज़ेया की धर्मशाला यात्रा का विरोध किया था और २०२१ में बिडेन प्रशासन द्वारा ‘तिब्बती मुद्दों पर विशेष समन्वयक‘ पद के सृजन का विरोध किया था।