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धर्मशाला। चीनी पुलिस द्वारा प्रताड़ित किए जाने के कारण 19 जनवरी को किशोर तिब्बती भिक्षु तेनजिन न्यिमा की मौत के बाद चीनी अधिकारी ड्ज़ा वोन्पो में तिब्बतियों को डराने-धमकाने का अभियान चला रहे हैं। इस अभियान के तहत ड्जा वेन्पो में पुलिस और कमांडो भी परेड कर रहे हैं और परम पावन दलाई लामा की तस्वीरों को जब्त करने के लिए ‘क्लीन अप’ अभियान चलाया जा रहा है।
तिब्बत के पारंपरिक खाम प्रांत के कारजे (चीनी: गंजी) के सेरशुल काउंटी के ड्जा वेन्पो में 07 नवंबर, 2019 को तीन अन्य भिक्षुओं (एक की उम्र 15 साल से कम) के साथ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के कारण चीनी अधिकारियों द्वारा बुरी तरह से पीटे और प्रताड़ित किए जाने के बाद घायल हुए तेनज़िन न्यिमा उर्फ टेमी की मौत हो गई।
भिक्षु तेनजिन न्यिमा की मृत्यु के बाद कई स्थानीय तिब्बतियों ने अपने वी चैट मोमेंट्स पर न्यिमा के प्रति एकजुटता और संवेदना प्रकट करते हुए संदेश पोस्ट किए। उसी समय चीनी सेना का एक दल वोन्पो में आया जिसने कई दिनों तक कई स्थानीय तिब्बतियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की।
5 मार्च को चीनी सेना के पीपुल्स आर्म्ड पुलिस (पीएपी) की इकाई की एक बड़ी टुकड़ी वोन्पो में पहुंची। इस पुलिस बल को ह्यूमन राइट्स वॉच ने ‘स्नो वुल्फ कमांडो’ का नाम दे रखा है। केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के मानवाधिकार डेस्क द्वारा प्राप्त चित्र और वीडियो क्लिप में साफ दिखाई दे रहा है कि कमांडो ड्जा वोन्पो शहर की सड़कों पर परेड कर रहे हैं। वे अपने हाथों में बड़ा लाल झंडा थामे हुए हैं और युद्धघोष करते हुए चिल्ला रहे हैं। हमारे स्रोत के अनुसार, स्थानीय तिब्बती निवासियों को डराने-धमकाने के लिए सैनिकों द्वारा यह दिनचर्या हर दिन दोहराई जाती है।
अधिकारियों ने 17 मार्च को एक सभा के लिए निवासियों को इकट्ठा किया और घोषणा की कि परम पावन दलाई लामा की तस्वीरों को घरों में लगाने और रखने पर आपराधिक मुकदमा चलाया जाएगा। इसके अलावा जो लोग सरकार से लाभ या धन प्राप्त कर रहे हैं, उन्हें अगर दलाई लामा की तस्वीरों को छिपाते या प्रदर्शित करते पाया जाता है, तो उनके उन लाभों से वंचित कर दिया जाएगा और अब तक सरकार से प्राप्त किसी भी तरह के लाभ और धन को पूरा का पूरा वापस करना होगा। सभा के बाद तिब्बतियों से दलाई लामा की तस्वीरों को नहीं लगाने या वितरित नहीं करने, किसी भी गैरकानूनी गतिविधि का विरोध करने और पार्टी की नीतियों का पालन करने के लिए पांच सूत्री दस्तावेज पर हस्ताक्षर करवाया गया।
स्थानीय तिब्बतियों द्वारा पांच-सूत्री दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के कुछ दिनों बाद पीएपी के कमांडो ने ‘क्लीन अप’ अभियान चलाया, स्थानीय तिब्बतियों के घरों पर छापा मारा और परम पावन दलाई लामा के चित्रों को जब्त कर लिया।
हमारे सूत्रों ने बताया है कि ‘कमांडो ने कुछ उपहार के साथ कुछ वृद्धाश्रमों का दौरा किया। उस समय उन्होंने कहा कि वे बुजुर्ग तिब्बतियों के कमरों की साफ-सफाई करने आए हैं। कई बुजुर्गों द्वारा इनकार किए जाने के बावजूद सैनिकों ने सभी कमरों में जाकर परम पावन दलाई लामा की तस्वीरों की खोज शुरू कर दी। इसके बाद उन्होंने कमरों की दीवारों पर चीनी नेताओं की तस्वीरों को लटका दिया। इसके बाद उन्होंने बुजुर्ग तिब्बतियों को सार्वजनिक रूप से लाकर सीसीपी के प्रति आभार प्रकट करने को मजबूर कर दिया। चीनी अधिकारियों ने कमांडो द्वारा वृद्धाश्रम में बुजुर्ग तिब्बतियों के कमरों में चलाए गए ‘क्लीन अप’ अभियान की तस्वीरें पोस्ट किए और प्रसारित किए थे।
तेनजिन न्यिमा को यातना दिए जाने और उसके बाद उनकी मृत्यु की खबर सामने आने के बाद से चीनी अधिकारियों ने ड्ज़ा वोन्पो में भारी दमन का सहारा लिया है। इसमें सेल फोन के उपयोग पर नज़र रखना भी शामिल है। मार्च में, तिब्बती राष्ट्रीय विद्रोह दिवस के आसपास, स्थानीय निवासियों को अपने फोन पर एक ऐप डाउनलोड करना पड़ा था, जो अधिकारियों को उपयोगकर्ता के डेटा तक जानकारी और पहुंच प्रदान करेगा। इस प्रकार अब स्थानीय तिब्बतियों के लिए भविष्य में तिब्बत की जमीनी स्थिति की जानकारी को बाहर भेजना और साझा करना और अधिक कठिन हो जाएगा और यह काम और जोखिम भरा हो जाएगा।
– डीआईआईआर के यूएन, ईयू और मानवाधिकार डेस्क द्वारा जारी