आईटीसीओ, 28 अप्रैल, दिल्ली। कोर ग्रुप फॉर तिब्बतन कॉज- इंडिया ने चीनी कम्युनिस्ट सरकार द्वारा 25 साल पहले गायब कर दिए गए तिब्बत के 11वें पंचेन लामा गेधुन चोएक्यी न्यिमा की तत्काल रिहाई का पूर्ण समर्थन किया है। 1995 में परम पावन 14वें दलाई लामा द्वारा गेधुन चोएक्यी न्यिमा को 11वें पंचेन लामा के रूप में मान्यता दी गई थी। और उसी के कुछ दिन बाद छह साल के पंचेन लामा को चीन द्वारा उनके परिवार के साथ अपहरण कर लिया गया। इससे वह दुनिया के सबसे कम उम्र के राजनीतिक कैदी बन गए। तब से चीन ने हमेशा उनके ठिकाने के बारे में जानकारी देने से इनकार किया है और तिब्बती लोगों को नियंत्रित करने के लिए चीन के अपने पंचेन लामा को स्थापित किया। गौरतलब है कि दलाई लामा के बाद पंचेन लामा तिब्बत में दूसरे सबसे प्रतिष्ठित धार्मिक व्यक्ति हैं। 11वें पंचेन लामा के गायब होने के 25 साल पूरे हो चुके हैं।
इस समय दुनिया कोविड-19 महामारी की भयानक बीमारी से जूझ रही है, जिसकी उत्पत्ति चीनी शहर वुहान से हुई थी। रोग के बारे में सूचनाओं का दबाने और गलत सूचना ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को पंगु बनाकर दुनिया भर में हजार लोगों की जान ले ली है। यह सब धोखे और उत्पीड़न के चीनी मॉडल को दर्शाता है। अपने स्वार्थी लक्ष्यों के लिए दुनिया को नष्ट करने के ऐसे बुरे इरादों वाले चीन को रोकना होगा। ये सभी मानवता के खिलाफ अपराध हैं।
इसलिए, हम संबंधित अधिकारियों से समर्थन करने और चीनी कम्युनिस्ट सरकार पर 11वें पंचेन लामा, गेधुन चोएक्यी न्यिमा को तत्काल रिहा करने और कई दशकों से मानव अधिकारों और विनाश के कई कारनामों के लिए उसे जिम्मेदार ठहराने का आग्रह करते हैं।