नवभारत टाइम्स, 3 नवम्बर, 2011
पेइचिंग।। तिब्बत की एक बौद्ध भिक्षुणी ने आत्मदाह कर लिया। उसने तिब्बत में चीन के शासन के विरोध में खुद को आग लगा ली। चीन के सिचुआन प्रांत में यह 11वां मामला है जिसमें बौद्ध समुदाय के भिक्षु या भिक्षुणी ने आत्मदाह किया है।
चीन की सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ ने बताया कि गारजे तिब्बती स्वायत्तशासी इलाके के दाऊ काउंटी स्थित बौद्ध मठ की एक भिक्षुणी ने आत्मदाह कर लिया जिससे उसकी मौत हो गई। संवाद समिति ने हालांकि कहा कि भिक्षुणी ने आत्मदाह क्यों किया यह स्पष्ट नहीं है।
आत्मदाह करने वाली भिक्षुणी की पहचान 35 साल की किऊ झियांग के रूप में की गई है।
वह दाऊ काउंटी के तोंगफोशान गांव की रहने वाली थी। वह आत्मदाह करने वाली दूसरी भिक्षुणी है। इसके अलावा हाल के महीनों के दौरान उस प्रांत के कीर्ति बौद्ध मठ के नौ भिक्षु भी आत्मदाह कर चुके हैं।
तिब्बत के लिए अंतरराष्ट्रीय अभियान के मुताबिक पिछले कुछ समय के दौरान आत्मदाह के प्रयासों ने चीन शासन के खिलाफ और दलाईलामा की वापसी को लेकर आंदोलन तेज किया है। दलाईलामा 1959 में तिब्बत से भागने के बाद भारत के धर्मशाला में निर्वासित जीवन बिता रहे हैं।