दैनिक भास्कर 03 दिसंबर, 2011
बीजिंग. अलगाववाद के आरोप में चीनी सुरक्षा बलों द्वारा गिरफ्तार किए गए तिब्बतियों को गले में नाम की तख्ती टंगवाकर परेड निकाली गई। मुक्त तिब्बत कैम्पेन ग्रुप ने तस्वीरें जारी कर इस बात का दावा किया है।
चीन विरोधी वेबसाइट बॉक्सुन ने शिचुआन प्रांत स्थित तिब्बती जनपद गांजी और अबा में ली ये तस्वीरें जारी की हैं।
हालांकि इस बात की सटीक जानकारी नहीं दी गई है कि ये तस्वीरें कहां और किन परिस्थितियों में ली गईं, मुक्त तिब्बत ग्रुप ने बताया।
उल्लेखनीय है कि शिचुआन प्रांत में चीनियों द्वारा किए जा रहे धार्मिक दमन के विरोध में कई बौद्ध भिक्षु और नन आत्मदाह का प्रयास कर चुके हैं।
इनमें से एक तस्वीर में दिखाया गया है कि हेल्मेट पहने चीनी पैरामिलिट्री पुलिस भिक्षुओं को गर्दन से पकड़े हुए हैं। इन भिक्षुओं के सिर झुके हुए हैं और उनके गले में तख्तियों टंगी हुई हैं।
लोबसांग जोपा नाम के एक भिक्षु ने चीनी भाषा में अपने नाम की तख्ती पहनी है। तख्ती पर भिक्षु के नाम के साथ अलगाववादी भी लिखा हुआ है। उल्लेखनीय है कि अलगाववाद की सजा ताउम्र जेल होती है।
एक अन्य तस्वीर में कुछ पुलिसवाले नजरबंद नागरिकों की बांहें मरोड़ते हुए दिखाए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि चीन ने साल 1951 में तिब्बत को शांति से मुक्त राज्य घोषित किया था। लेकिन इसके बावजूद वो उसकी हर गतिविधि पर पैनी निगाह रखता है।