जागरण, 17 सितंबर, 2012
जागरण प्रतिनिधि, मसूरी: अच्छी और आधुनिक शिक्षा समय की मांग है। आप सभी नवीनतम आधुनिक शिक्षा ग्रहण करें, लेकिन अपनी सभ्यता और संस्कृति को कभी न भूलें। यही संस्कृति हमारी पहचान है। यह कहना है तिब्बती समुदाय के धर्मगुरु दलाई लामा का।
तिब्बतन होम्स फाउंडेशन की स्वर्ण जयंती के मौके पर सेंट्रल स्कूल फॉर तिब्बतन, हैप्पी वैली में आयोजित समारोह में हजारों की संख्या में मौजूद तिब्बती समुदाय के लोगों और बौद्ध धर्म के अनुयाईयों को संबोधित करते हुए दलाई लामा ने आधुनिक शिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने तिब्बती लोगों को शिक्षित करने में नालंदा विश्वविद्यालय का आभार जताया। दलाई लामा ने कहा कि तिब्बतन होम्स फाउंडेशन की स्थापना का विचार पोलैंड निवासी हेलमुट कुटीन का था। इस दौरान उन्होंने मसूरी यात्रा की भी यादें साझा कीं।
इससे पूर्व तिब्बतन होम्स स्कूल और सीएसटी के बच्चों ने बैंड की धुन पर मार्चपास्ट कर दलाई लामा को सलामी दी। इस दौरान तिब्बती संस्कृति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित हुए। इस अवसर पर विधायक गणेश जोशी, पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल, सीएसटी के प्रधानाचार्य आरबी सिंह, पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला समेत दर्जनों लोग मौजूद रहे। इससे पहले दलाई लामा ने सीएसटी मैदान में कक्षावार सभी बच्चों से मुलाकात की। दोपहर बाद दलाईलामा वाइनवर्ग स्कूल में आयोजित एक कार्यक्रम में भी शामिल हुए।