अम्बाला. तिब्बत की आजादी को लेकर शुक्रवार को अम्बाला पहुंची बौद्ध भिक्षुओं की पैदल यात्रा का यहां भारत तिब्बत सहयोग मंच के सदस्यों ने स्वागत किया। चीनी सरकार द्वारा तिब्बत में रह रहे लोगों पर लगातार हो रहे अत्याचार के विरोध में निकाली गई यह यात्रा अम्बाला के विभिन्न बाजारों से गुजरी।
यात्रा के दौरान बौद्ध भिक्षुओं ने तिब्बत आजादी की मांग उठाई। 22 अप्रैल को धर्मशाला से आरंभ हुई यह यात्रा शनिवार को नई दिल्ली में संपन्न होगी। यहां सरकार को बौद्ध भिक्षु ज्ञापन सौंपकर तिब्बत से चीन का कब्जा हटाने की मांग करेंगे।
यात्रा के कॉर्डिनेटर दावा सीरिंग, यिशी डोलमा, डोंलकर आदि ने बताया कि तिब्बत में स्थिति कीर्ति मठ विशेष तौर पर चीनी सरकार के लक्ष्य पर है जहां से बौद्ध भिक्षुओं को बाहर निकाला जा रहा है। तिब्बत आजादी की मांग को लेकर बीती 16 मार्च को मठ में भिक्षु फुनसोक ने आत्मदाह कर लिया था।
इसके बाद 22 अप्रैल को मठ में अचानक सुबह चीनी सैनिक घुस आए जिन्होंने जबरन 300 भिक्षुओं को गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा दो वृद्धों को जान से भी मार दिया गया। उन्होंने कहा चीन का तिब्बतियों पर लगातार अत्याचार का सिलसिला बना हुआ है जोकि बर्दाश्त से बाहर है।
उन्होंने बताया चीनी सरकार के विरोध में अब धमर्शाला स्थिति कीर्ति जेयपा मठ और दार्जिलिंग स्थित कीर्ति मठ के भिक्षु एकत्र होकर दिल्ली में पदयात्रा करते हुए पहुंचेंगे। उधर अम्बाला की रेलवे रोड, राय मार्केट फुटबाल चौक, विजय रतन चौक पर भी बौद्ध भिक्षुओं ने पद यात्रा निकालकर चीनी सरकार के खिलाफ नारे लगाए और आजादी की मांग की। इस मौके पर सहयोग मंच के जिलाध्यक्ष सोनम व अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।