दैनिक जागरण 28 May. 2011
धर्मशाला: तिब्बती सर्वोच्च धर्मगुरु दलाईलामा की सभी राजनीतिक शक्तियों व कार्यो का हस्तांतरण कर दिया गया है। इसके साथ ही शनिवार को 14वीं निवार्सित तिब्बती संसद का पांच वर्ष का कार्यकाल भी पूरा हो गया। दलाईलामा की राजनीतिक शक्तियों को निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री, संसद के स्पीकर व डिप्टी स्पीकर, संसद व जस्टिस कमीशन को दिया गया है।
इसमें कुछ शक्तियां केवल निर्वासित तिब्बती सरकार के (कलोन ट्रिप्पा) प्रधानमंत्री के पास ही रहेगी। इनमें बिल पारित करने सहित संसद से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण शक्तियां भी हैं। इन शक्तियों के हस्तांतरण के लिए आयोजित 14वीं संसद के विशेष सत्र में इस संबंध में बनाए गए प्रारूप को हरी झंडी दे दी गई है। इस संबंध में किए गए सभी संशोधनों को शनिवार को दो बार सत्र के अंतिम दिन पढ़ा भी गया तथा रविवार को औपचारिकता के रूप में एक बार पुन: वाचन होगा जिसके बाद इसे धर्मगुरु दलाईलामा के पास उनकी सहमति के लिए भेजा जाएगा।
दलाईलामा की सहमति के साथ ही दलाईलामा अपनी राजनीतिक शक्तियों से पूरी तरह से मुक्त हो जाएंगे तथा इन शक्तियों का प्रयोग 15वीं संसद के सदस्य व नए प्रधानमंत्री कर पाएंगे। शनिवार को इस विशेष सत्र में मौजूदा प्रधानमंत्री प्रो. सामदोंग रिपोंछे सहित लगभग सभी 14वीं निर्वासित तिब्बत संसद के सांसदों ने भाग लिया। जबकि नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री लोबसांग सांग्ये ने अतिथि दीर्घा से कार्यवाही देखी।
संसद के सत्र के साथ ही 14वीं निर्वासित तिब्बती संसद का कार्यकाल भी खत्म हो गया तथा 30 मई को नए चुने गए संसद शपथ ग्रहण करेंगे। जबकि नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री लोबसांग सांग्ये अगस्त माह में शपथ लेंगे। इस दौरान तक प्रो. सामदोंग रिपोंछे ही प्रधानमंत्री के रूप में कार्य देखते रहेंगे।